आज ग्रामीण हो या शहरी, व्यापारी हो या नौकरी पेशा, देश की आबादी का एक बड़ा
प्रतिशत कर्ज में डूबा हुआ है। पहले की तुलना में आजकल कर्जदार लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन
बढ़ती ही जा रही है। आर्थिक कष्ट और बढ़ते कर्ज के कारण आत्महत्या करने का सिलसिला बढ़ता
है। रोजाना अखबारों में इस प्रकार की दुःखद खबरें पढ़ने को मिलती है। निश्चित ही इसमें
भाग्य के साथ-साथ निवास स्थान या व्यवसाय स्थल का
वास्तुदोष पूर्ण होना भी एक महत्त्वपूर्ण कारण है। व्यक्ति कुछ सामान्य वास्तु
नियमों का पालन करे तो निश्चित ही वह अपनी आमदनी बढ़ा सकता है। पैसों के नुकसान को रोक
सकता है और आर्थिक कष्ट एवं कर्ज से मुक्ति पा सकता है।
संभव कारण
v कभी भी बड़े भवनों के बीच छोटा
भूखण्ड न खरीदें। आस-पास के भवनों की तुलना में जो भवन बहुत छोटा होता है, उसमें रहने
वाले कभी उचित तरक्की नहीं कर पाते इस कारण गरीबी व कर्ज में डूबे रहते हैं।
v बाउण्ड्रीवॉल एवं भवन का उत्तर
पूर्व (ईशान कोण) दबा कटा, गोल होना काफी अशुभ होता है इस दोष के कारण आर्थिक संकट
का सामना करना पड़ता है। ऐसा कोई भी दोष हो तो उसे शीघ्र ही दूर करवाना चाहिये। इसके
विपरीत ईशान कोण का बड़ा होना अत्यन्त शुभ होता है।
v भवन एवं प्लॉट का ईशान कोण वाला भाग नैऋत्य कोण की
तुलना में नीचा होना चाहिये। ईशान ऊँचा होने से गृहस्वामी को आर्थिक संकट आते रहते
हैं।
v भवन की उत्तर, पूर्व दिशा एवं
ईशान कोण में भूमिगत पानी की टंकी, कुआँ या बोर होना बहुत शुभ होता है, इससे आर्थिक
संपन्नता आती है। उपरोक्त दिशाओं के अलावा का कारण बनता है। भवन के मध्य में तो किसी
भी प्रकार का गड्ढा, कुओं, बोरिंग इत्यादि होनेसे गृह स्वामी भयंकर आर्थिक संकट में
आ जाता है। अतः दोषपूर्ण गढो को जितना जल्दी हो सके भर देना चाहिए।
v भवन के मुख्यद्वार के सामने किसी
भी प्रकार का वेध जैसे खम्बा, पेड़, खुली नाली इत्यादि होना अशुभ होता है। इस प्रकार
का दोष अन्य कष्टों के अलावा आर्थिक कष्ट का कारण बनता है।
v फंगशुई के अनुसार शयनकक्ष या
तिजोरी वाले कमरे के प्रवेशद्वार के सामने वाली दीवार के बायें कोने में सम्पत्ति एवं
भाग्य का क्षेत्र होता है। यह कोना कभी भी कटा हुआ नहीं होना चाहिए। यहाँ पर धातु की
कोई चीज रखना या लटकाना शुभ होता है।
v ईशान कोण में टॉयलेट होने से
पैसा फलश होता रहता है एवं भवन के मध्य में टॉयलेट होने से आर्थिक संकट आते हैं, इसलिए
ईशान कोण व मध्य में कभी भी टॉयलेट नहीं बनाना चाहिए। टॉयलेट के दरवाजा हमेशा बन्द
रखना चाहिये।
v सीढ़ियों के नीचे तिजोरी रखना
अशुभ होता है। सीढ़ियों या टॉयलेट के सामने भी तिजोरी नहीं रखना चाहिये। तिजोरी वाले
कमरे में कबाड़ या मकड़ी के जाले होना अशुभ होता है।
v उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता
कुबेर हैं। आप कैश व आभूषण जिस अलमारी में रखते हैं, वह अलमारी भवन की उत्तर दिशा के
कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखना चाहिए। इस प्रकार रखने से अलमारी उत्तर दिशा
की ओर खुलेगी उसमें रखे गए पैसे और आभूषण में हमेशा वृद्धि होती रहेगी।
v घर के मुख्यद्वार पर बाहर की
ओर फूलों का गुलदस्ता या छोटी घण्टियाँ लगानी चाहिये। अपनी धार्मिक आस्था के अनुसार
मुख्यद्वार के बाहर मांगलिक प्रतीकों को भी लगाना चाहिये जैसे स्वस्तिक, ॐ त्रिशूल
इत्यादि इन मांगलिक प्रतीकों के प्रयोग से सौभाग्य, समृद्धि में वृद्धि होती है। इस
तरह घर में सौभाग्य को न्यौता देना होता है।
v मुख्यद्वार पर व उसके आस-पास
समुचित सफाई होनी चाहिये ताकि सकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने में किसी प्रकार
की रुकावट पैदा न हो। घर में अनावश्यक बेकार कबाड़ रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है,
जिससे समृद्धि को नुकसान पहुँचता है।
v जिस घर में पूजा के दो स्थान होते हैं, उस घर के
मुखिया के पास एक से अधिक सम्पत्ति होती है और उस घर के बेटे की आमदनी के स्रोत भी
दो होते हैं। - जिन घरों में भोजन बनाने के साधन एक से अधिक जैसे गैस, स्टोव, माइक्रोवेद
ओवन इत्यादि होते हैं ऐसे घरों में आय के साधन भी एक से अधिक होते हैं।
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