Wednesday, October 27, 2021

कर्क लग्न और धनयोग भाग एक


 

विशेष योगायोग

कर्क लग्न के लिए कुछ विशेष योग इस प्रकार है:- 

सफलयोग -   1,चंद्र+मंगल,    2. चंद्र गुरु     3. मंगल+ गुरु,   4. + मंगल + शनि

निष्फलयोग -      1. गुरु + शुक्र,      2. गुरु + शनि ।

अशुभयोग -          1. मंगल+ शुक्र ।

राजयोग कारक -   केवल मंगल ही है ।

लक्ष्मी योग –   मंगल केंद्र त्रिकोण में, सूर्य द्वितीय, पंचम या नवम में चंद्रमा लग्न या एकादश में । 

कर्क लग्न में सूर्य, सिह या मेष राशि में हो तो जातक धनाध्यक्ष होता है। धन के मामले में लक्ष्मी उसका पीछा नहीं छोड़ती। कर्क लग्न में धनेश सूर्य, मीन राशि में तथा बृहस्पति, सिंह राशि में परस्पर राशि परिवर्तन करके बैठे हों तो जातक भाग्यशाली होता है तथा अत्यधिक धन कमाता हुआ लक्ष्मीवान होता है। कर्क लग्न में बृहस्पति कर्क या मीन राशि में हो तो जातक अल्प प्रयत्न से बहुत धन कमाता है। ऐसा जातक धन के मामले में भाग्यशाली होता है। कर्क लग्न में सूर्य शुक्र के घर में तथा शुक्र सूर्य के घर में अर्थात् सूर्य वृष या तुला राशि में तथा शुक्र सूर्य में परस्पर परिवर्तन करके बैठे हो तो व्यक्ति महाभाग्यशाली होता है तथा जीवन में अत्यधिक धन अर्जित करता है। कर्क लग्न में मंगल केंद्र या त्रिकोण में कहीं भी चंद्रमा के साथ हो तो जातक 28 वर्ष की आयु के बाद खूब धन कमाता है तथा कीचड़ में कमल की तरह खिलता हुआ सामान्य परिवार में जन्म लेकर धीरे-धीरे ! प्रचुर मात्रा में द्रव्य कमाता हुआ लक्षाधिपति एक करोड़पति तक हो जाता है।

शेष भाग -Shribalaji- पर क्लिक करे।

No comments:

Post a Comment

संतान बाधा और उपाय

  (संतानहीन योग ) पंचमेश पापपीड़ित होकर छठे, आठवें, बारहवें हो एवं पंचम भाव में राहु हो, तो जातक के संतान नहीं होती। राहु या केतु से जात...