- मीन लग्न में सूर्य और चंद्रमा दोनों ही कुंभ राशि में हों तथा तीन-चार ग्रह नीच के हो तो व्यक्ति करोड़पति के घर में जन्म लेकर भी दरिद्री होता है।
- मीन लग्न में यदि बलवान मंगल की पंचमेश चंद्र से युति हो तो ऐसे व्यक्ति को पुत्र द्वारा धन की प्राप्ति होती है। किंवा पुत्र जन्म के बाद ही जातक का भाग्योदय होता है।
- मीन लग्न में बलवान मंगल की यदि षष्टेश सूर्य के साथ युति हो, धनभाव पर शनि की दृष्टि हो तो जातक को शत्रुओं के द्वारा उसे धन व यश की प्राप्ति होती है।
- मीन लग्न में बलवान मंगल की सत्रमेश बुध से युति हो तो जातक का भाग्योदय विवाह के बाद होता है तथा उसे पत्नी, ससुराल पक्ष में धन की प्राप्ति होती है।
- मीन लग्न में बलवान मंगल यदि नवम भाव में, लग्नेश गुरु से युक्त या दृष्ट हो तो व्यक्ति राजा, राज्य सरकार से सरकारी अधिकारियों, सरकारी अनुबंधन (ठेको) से काफी धन कमाता है।
- मीन लग्न में बलवान मंगल की दसमेश गुरु से युति हो तो जातक को पैतृक संपत्ति, पिता द्वारा रक्षित धन की प्राप्ति होती है अथवा पिता का व्यवसाय जातक के भाग्योदय में सहायक होता है।
- मीन लग्न में दसम भाव का स्वामी गुरु यदि छठे, आठवें या बारहवें स्थान में हो तो जातक को परिश्रम का परा लाभ नहीं मिलता। ऐसा व्यक्ति जन्म स्थान में नहीं कमाता, उसे सदा धन की कमी बनी रहती है।
- मीन लग्न में लग्नेश बृहस्पति यदि छठे, आठवें या बारहवें स्थान में हो एवं सूर्य तुला का आठवें हो तो व्यक्ति कर्जदार होता है तथा उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है।
अधिक जानकारी/निवारण के लिये -Shribalaji- पर क्लिक
करे।
No comments:
Post a Comment